Chandraghanta Maa Ki Aarti – चंद्रघंटा मां की आरती

जय मां चंद्रघंटा सुख धाम ।
पूर्ण कीजो मेरे सभी काम ॥

चंद्र समान तुम शीतल दाती ।
चंद्र तेज किरणों में समाती ॥

क्रोध को शांत करने वाली ।
मीठे बोल सिखाने वाली ॥

मन की मालक मन भाती हो ।
चंद्र घंटा तुम वरदाती हो ॥

सुंदर भाव को लाने वाली ।
हर संकट मे बचाने वाली ॥

हर बुधवार जो तुझे ध्याये ।
श्रद्धा सहित जो विनय सुनाएं ॥

मूर्ति चंद्र आकार बनाएं ।
सन्मुख घी की ज्योति जलाएं ॥

शीश झुका कहे मन की बाता ।
पूर्ण आस करो जगदाता ॥

कांचीपुर स्थान तुम्हारा ।
करनाटिका में मान तुम्हारा ॥

नाम तेरा रटूं महारानी ।
भक्त की रक्षा करो भवानी ॥

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